बुरी चुड़ैल रात होने पर गांव में आ जाती थी और जो बाहर दिखता उसे उठाकर ले जाती थी।
नई दिल्ली: टीवी वाली नागिन के दिन अब पुराने हो गए जब टीआरपी की रेस में वो सबको पछाड़ देती थी. अब यूट्यूब का मैदान है और व्यूज की रेस. इस रेस में टॉप पर ‘चुड़ैल’ हैं.
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लेकिन ताज़ा आंकड़ों से जाहिर होता है कि ये बदलाव समाज के एक हिस्से में ज़्यादा पुख़्ता तौर पर दिखता है. बीते दौर के मुक़ाबले कई देशों में महिलाएं कहीं ज़्यादा बड़ी संख्या में अपनी पसंद-नापसंद के बारे में बातें fuck कर रही हैं.
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क्योंकि समाज में ऐसी औरतें और मर्द हैं. क्या ये बहुत ही अजीब नहीं होता कि मैं दिखाता कि सारी की सारी औरतें एक जैसी हैं?''
चुड़ैल्स के एक पुलिसवाले की ज़बान में बोलें तो , "उसकी मर्दानगी को इस्तरी से जलाकर उसकी सारी गर्मी निकाल दी थी.
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गांव में एक बहुत ही खतरनाक चुड़ैल रहती थी। वह चुड़ैल पूरे गांव के बच्चों को बहुत ही ज्यादा परेशान करती थी। वह चुड़ैल हमेशा बच्चों को ही अपना शिकार बना लेती थी।
सीन मैसी और उनके साथ न्यूयॉर्क की बिंघमटन ह्यूमन सेक्युऐलिटीज़ रिसर्च लैब में क़रीब एक दशक से सेक्सुअल बर्ताव को लेकर अध्ययन कर रहे हैं.
गांव वाले माया को जंगल से और गांव से भगाना चाहते थे, लेकिन उसी गांव के पास एक काले जंगल में एक बुरी चुड़ैल भी रहती थी। वह बुरी चुड़ैल कभी गांव वालों के जानवर ले जाती थी और कभी बच्चे भी उठा ले जाती थी। गांववाले चुड़ैल से बहुत ज्यादा तंग थे। पर चुड़ैल बहुत ज्यादा ताकतवर थी, इसलिए वे कुछ कर भी नहीं सकते थे।
नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉगपोस्ट में हम बात करेंगे मुंशी प्रेमचंद...
मेवाराम जैन ने कुछ दिन पूर्व अपने कार्यालय में कार्यकर्ताओं की एक बड़ी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में बड़ी संख्या में उनके कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे. ऐसे में राजनीतिक जानकारों की माने तो आगामी पंचायती राज एवं नगर परिषद के चुनावों की रणनीति बनाने में लगे हैं.
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